सूर्य जिस दिन उत्तरायण होता है,उसे हम मकर संक्रांति के रूप में जानते हैं,और एक पर्व के रूप में मानते भी हैं। संक्रांति शब्द का अर्थ है–मिलन, एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक का मार्ग,सूर्य या किसी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना,दो युगों या विचारधाराओं के संघर्ष से परिवर्तित होते वातावरण से उत्पन्न स्थितियां।
संक्रांत होना ही जीवन है। परिवर्तन और सन्धि इसके दो महत्वपूर्ण पक्ष है। जैसे फल और फूल जैसे बचपन और यौवन।जैसे परम्परा और आधुनिकता। जैसे शब्द और वाक्य। एक दूसरे से जुड़ना,बदलना,और विस्तार या विनिमय। खिचड़ी का भी यही भाव है। खिचड़ी यानी मिश्रण। विश्व के सारे समाजों और संस्कृतियों का मूलाधार ही है- मिश्रण।
मकर संक्रांति की
हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ