अक्सर सुना होगा कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है।
कुछ लोग कहते हैं कि जब सब कुछ भगवान ने बनाया है तो बुराई भी भगवान की बनाई चीज़ ही है।
पर नही ऐसा नही है बुराई भगवान की बनायी चीज़ नही है,
बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया। ये सिर्फ अच्छाई की अनुपस्थिति भर है।”
जैसे ठंड कुछ है नहीं है, केवल गर्मी की अनुपस्थिति का अहसास भर है। जहां गर्मी नहीं होती, वहां हम ठंड को महसूस करते हैं।”वैसे ही बुराई अच्छाई की अनुपस्थिति भर है।”
जैसे अंधेरा कुछ नहीं होता, जहां रोशनी नहीं होती वहां अंधेरा होता है।
हमने हमेशा प्रकाश और गर्मी के बारे में ही पढ़ा हैं। कभी अंधेरा और ठंड नहीं पढ़ा। इसी तरह ईश्वर ने सिर्फ अच्छा-अच्छा बनाया है। अब जहां अच्छा नहीं होता, वहां हमें बुराई नज़र आती है। पर बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया। ये सिर्फ अच्छाई की अनुपस्थिति भर है।”
दरअसल दुनिया में कहीं बुराई है ही नहीं। ये सिर्फ प्यार, विश्वास और ईश्वर में हमारी आस्था की कमी का नाम है।
ज़िंदगी में जब और जहां मौका मिले अच्छाई बांटिए। अच्छाई बढ़ेगी तो बुराई होगी ही नहीं।