हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन यानि पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है । इस दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है। भारत के आलावा यह पर्व बांग्लादेश और नेपाल में भी बड़े उल्लास से मनाया जाता है। बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवे दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है। इस वजह से इसे बसंत पंचमी कहते हैं। बसंत पंचमी के दिन को देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। इस साल बसंत पंचमी 29-30 जनवरी को है।
29 जनवरी सुबह 10.45 बजे से पँचमी शुरू हो जाएगी और 30 जनवरी को दोपहर 1.20 बजे तक पंचमी तिथि रहेगी।
बसंत पंचमी पर सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को और खास बना रही है । बसंत पंचमी के दिन 3 ग्रह खुद की ही राशि में रहेंगे । मंगल वृश्चिक में, बृहस्पति धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे।
जिस दिन बसंत पंचमी मनाई जाती है, वह शुभ दिन होता है । इस दिन चन्द्र मीन राशी में होगा,जिसका स्वामी बृहस्पति है और यह रेवती नक्षत्र में स्थित है जिसका स्वामी बुध है।
चन्द्र मन (MIND)है, बुध कम्यूनिकेशन, इंटेलिजेंस और गुरु ज्ञान का ग्रह है।
इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. इस दिन मां सरस्वती की उपासना करें।
बसंत पंचमी पर सर्वार्थसिद्धि और रवियोग का संयोग बनेगा, जो मांगलिक और शुभ कामों की शुरुआत करने एवं परिणय सूत्र में बंधने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
इस दिन अबूझ मुहूर्त का योग बनता है। बसंत पंचमी का दिन कोई भी नया क़ार्य करने के लिए शुभ माना जाता है। शादी विवाह ,नये घर में प्रवेश,भूमि पूजन,नया व्यवसाय,नया वाहन जैसे कोई भी काम के लिए ये अबूझ मुहूर्त शुभ होता है।